साल 2020 में अधिकतर कम्पनिया जो ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में काम करती हैं और कार एवं बाइक बनती हैं नुकसान में रही और काफी कम सेल्स कर पायी वही इलेक्ट्रिक कार एवं बाइक निर्माता कम्पनियो को प्रॉफिट में जाते देखा गया। दरअसल पिछले वित्तीय वर्ष यानि की वित्तीय वर्ष साल 2019-20 में जहा एक तरफ ईंधन से चलने वाली गाड़ियों की निर्माता कम्पनियो के ग्रोथ निचे जाते दिखे वही देश में इस वित्तीय वर्ष 2019-20 में इल्क्ट्रिक व्हीकल्स यानि की इलेक्ट्रिक कार्स और स्कूटर्स आदि की सेल्स में ग्रोथ देखने को मिली।

दरअसल पिछले वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री ने कुल 1.56 लाख व्हीकल्स बेचे हैं और इनमे से 97 प्रतिशत व्हीकल्स बस टू-व्हीलर्स ही हैं। पिछले वित्त वर्ष में 1.52 लाख टूव्हीलर सेल हुए है और करीब 3500 इलेक्ट्रिक कार सेल्स हुई थी। क्युकी वित्त वर्ष 2018-19 में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेल्स फिगर 1.26 लाख की थी तो करीब एक साल में 20.6 प्रतिशत की ग्रोथ देखि गयी हैं।
अब इस साल एक बार फिर इंडस्ट्री की तरफ से ग्रोथ के काफी अच्छे ग्राफ देखे जा रहे। इस साल जितने भी टू व्हीलर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बेचे गए उनमे से 97 प्रतिशत तक इलेक्ट्रिक स्कूटर ही थे और मात्र 3 प्रतिशत इलेक्ट्रिक साइकिल और मोटरसाइकिल हैं। जो इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स बेचे जा रहे हैं उनमें से 90 प्रतिशत वह हैं जो सीमित पावर के साथ आते है और उच्चतम 25 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर चलते है। इन स्पेसिफिक टू व्हीलर्स को बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के चलाया जा सकता है जिससे की इन्हें लीगली अट्ठारह वर्ष से कम उम्र के छात्र और बच्चे भी ड्राइव कर सकते हैं।
वर्तमान मे छात्र व बुजुर्ग इन टू-व्हीलर्स को काफी पसंद कर रहे हैं। काफी सारे हाई पावर टू व्हीलर इलेक्ट्रिक स्कूटर भी बाजार में मौजूद है जो इंजन वाली गाड़ियों की तरह ही या फिर उनसे भी बेहतर पावर के साथ आते हैं। इस प्रकार के पावरफुल इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की सैलरी बढ़ती हुई नजर आ रही है लेकिन फिलहाल स्कूटर्स की सेल्स है अधिक हैं जो बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के चलाये जा सकते हैं।
अगर इलेक्ट्रिक कारों की सेल्स केलर की बात की जाए तो इलेक्ट्रिक कारों की सेल्स पिछले साल के मुकाबले इस साल थोड़ी कम हुई है क्योंकि करीब 200 यूनिट से कम इलेक्ट्रिक कारें पिछले साल के मुकाबले इस साल बिकी हैं। इसका मुख्य कारण यह भी था कि लोगों को इलेक्ट्रिक कार खरीदने में तकलीफ है देखने को मिली और उन्हें समय पर डिलीवरी नही मिल सकी।
विभिन्न प्रकार के ग्लिच की वजह से इलेक्ट्रिक कार्स अधिक सेल्स नही कर पाई लेकिन अब बाजार में अच्छे स्टाफ के साथ काफी सारी इलेक्ट्रिक कार्य मौजूद है और जल्द ही कई अन्य कंपनियां भी अपनी अफोर्डेबल और वैल्यू फॉर मनी इलेक्ट्रिक तारे बाजार में उतारने वाली है जिससे कि इस क्षेत्र में भी काफी कॉम्पटीशन आएगा और सेल्स फिगर बढ़ेंगे। टाटा और महिंद्रा जैसी स्वदेशी कंपनियां इस क्षेत्र में राजस्व बनाने के लिए तैयार हैं।